Mahanyayvadi. । Attorney General of India

भारतीय संविधान में उल्लेखित यह संवैधानिक पद अत्यंत महत्व का है, mahanyayvadi (अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया) भारत का प्रथम विधि अधिकारी होता है। संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार महान्यायवादी की

नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, तथा वह राष्ट्रपति के इच्छा पर्यंत अपने पद पर बना रहता है

, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सर्वप्रथम 28 जनवरी 1950 को प्रथम महान्यायवादी एम सी सीतलवाड़ की नियुक्ति की थी।

पद अवधि सुनिश्चित नहीं है सबसे लंबी कार्य अवधि प्रथम महान्यायवादी एम सी सीतलवाड़ की लगभग 13 वर्षों की थी वही न्यूनतम कार्य अवधि सोली सोराबजी (प्रथम कार्यकाल ) की थी जो मात्र 1 वर्ष के लगभग थी।

Mahanyayvadi पद की योग्यताएं –:

i) इस पद पर उस व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होने की योग्यता रखता है।

ii) ऐसा भारतीय नागरिक जो 10 वर्षों तक उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहा हो या 5 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद का अनुभवी हो।

वेतन और भत्ते –:

i) महान्यायवादी को वही वेतन एवं भत्ते प्राप्त होते हैं जो राष्ट्रपति द्वारा उसके लिए निर्धारित किए जाते हैं।

ii) वर्तमान में mahanyayvadi को 90 हजार प्रति माह वेतन के रूप में प्राप्त होते हैं।

iii) इसके अलावा दैनिक यात्रा भत्ता और अन्य भत्तो की भी सुविधा उसे प्राप्त है।

Mahanyayvadi के कार्य और अधिकार –:

प्रथम विधि अधिकारी के रूप में महान्यायवादी के निम्नलिखित कार्य और अधिकार हैं।

1)भारत सरकार को विधि संबंधी विषयों पर सलाह देना।

2) उन कर्तव्यों का पालन करना जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौपें गए हो।

3) उन कर्तव्यों का पालन करना जो संविधान द्वारा समय-समय पर उसे प्रदान किए गए हैं और अन्य विधियों द्वारा भी निर्धारित किए गए हैं।

4) सुप्रीम कोर्ट में आए मामलों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।

5) महान्यायवादी को यह अधिकार प्राप्त है कि वह संसद के किसी सदन की बैठक संयुक्त बैठक या संसद की किसी समिति में जिसमें उसका नाम बतौर सदस्य दिया गया हो उसकी कार्रवाई में भाग ले सकता है।

6) भारतीय न्यायालयों में करोड़ों मामले न्यायालय के विचाराधीन है और सरकार के विरुद्ध भी मामलों में कोई कमी नहीं है ऐसे में भारत सरकार के पक्ष कार के तौर पर सभी मामलों में उसके लिए उपस्थित होना संभव

नहीं है।

भारत का महा सॉलीसीटर और कुछ अपर सॉलीसीटर महान्यायवादी की सहायता के लिए नियुक्त होते हैं।

7) mahanyayvadi भारत सरकार के विरुद्ध न तो कोई सलाह दे सकता है और ना ही कोई मुकदमा ले सकता है।

8) वह किसी कंपनी का निदेशक नियुक्त नहीं हो सकता है।

महाधिवक्ता ( Solicitor General ) –:

देश का प्रथम कानूनी अधिकारी महान्यायवादी या अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया होता है (अनुच्छेद 76 ) उसी प्रकार राज्यों में प्रथम कानूनी अधिकारी महाधिवक्ता (अनुच्छेद 165)होता है।

A) राज्य का पहला विधि अधिकारी महाधिवक्ता होता है।

B) उसका कार्य भारत के महान्यायवादी के समान ही होता है।

C) महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, और वह राज्यपाल की इच्छापर्यन्त पद पर बना रहता है।

D) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त होने की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को ही महाधिवक्ता नियुक्त किया जाता है।

E) महाधिवक्ता को राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन में भाग लेने और बोलने का अधिकार है परंतु उसे मत देने का अधिकार नहीं है।

F) महाधिवक्ता को राज्य के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है।

G) वेतन के रूप में महाधिवक्ता को प्रतिमाह ₹86 हजार  प्राप्त होते हैं, इसके अतिरिक्त दैनिक यात्रा भत्ता और अन्य भत्तों की भी सुविधा उसे प्राप्त होती है।

अब तक नियुक्त हुए महान्यायवादी (Attorney General of India) और उनकी कार्यावधि –:

S.N.
महान्यायवादी (Attorney General of India)
कार्यावधि
1 श्री एम सी सीतलवाड़

28 जनवरी 1950 से 1 मार्च 1963 तक

2

श्री  सी.के. दफ्तरी 2 मार्च 1963 से 30 अक्टूबर 1968 तक
3 श्री  निरेन डे

1 नवम्बर 1968 से 31 मार्च 1977 तक

4

श्री  एस. वी. गुप्ते 1 अप्रैल 1977 से 8 अगस्त 1979 तक
5 श्री  एल. एन. सिन्हा

9 अगस्त 1979 से 8 अगस्त 1983 तक

6

श्री  के. परासरन 9 अगस्त 1983 से 8 दिसम्बर 1989 तक
7 श्री  सोली सोराबजी

9 दिसम्बर 1989 से 2 दिसम्बर 1990 तक

8

श्री  जी. रामास्वामी 3 दिसम्बर 1990 से 20 नवम्बर 1992 तक
9 श्री मिलन के. बनर्जी

21 नवम्बर 1992 से 8 जुलाई 1996 तक

10

श्री  अशोक देसाई 9 जुलाई 1996 से 6 अप्रैल 1998 तक
11 श्री  सोली सोराबजी

7 अप्रैल 1998 से 4 जून 2004 तक

12

श्री मिलन के. बनर्जी 5 जून 2004 से 7 जून 2009 तक
13 श्री गुलाम एस्सजी वाहनवति

8 जून 2009 से 11 जून 2014 तक

14

श्री  मुकुल रोहतगी 12 जून 2014 से 30 जून 2017 तक
15 श्री के. के. वेणुगोपाल

1 जुलाई  2017 से 30 सितम्बर 2022

16

श्री  आर. वेंकटरमणी

1 अक्टूबर 2022 से अब तक

 

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