मोहम्मद बिन तुगलक | किस्सा तुगलकी फरमान और दिल्ली दूर है का |

हम सभी ने “तुगलकी फरमान” वाले मुहावरे का या तो कभी ना कभी प्रयोग किया है, या इसे सुना तो अवश्य है इस मुहावरे का संबंध सल्तनत काल के मशहूर शासक मोहम्मद बिन तुगलक से है। इसके अतिरिक्त एक अन्य मशहूर कहावत दिल्ली दूर है का भी संबंध मोहम्मद बिन तुगलक से ही है ! … Read more

अलाउद्दीन खिलजी | श्रापित हीरा “कोहेनूर” खिलजी के पास कैसे पहुचा ?

अल्लाउद्दीन खिलजी

इतिहास में अलाउद्दीन खिलजी की पहचान क्रूर और कठोर शासक के रूप में की गई है । उसने हिंदू जनता पर बहुत ज्यादा अत्याचार किया, हिंदुओं के घर नष्ट कर देना, उनकी जमीन जप्त कर लेना साथ ही उन्हें जबरदस्ती मुसलमान बनाना या फिर मुस्लिम धर्म न ग्रहण करने पर  मौत के घाट उतार देना … Read more

malik kafur. x जेंडर सेनापति जिसने “कोहेनूर” हिरे को गुमनामी से बाहर निकाला |

मलिक-काफ़ूर

 समाज में हमेशा ही “X” जेंडर या थर्ड जेंडर के लोगों के साथ भेदभाव किया है , साथ ही उन्हें समाज पर बोझ के रूप में देखा है,और समाज ने उन्हें हमेशा ही बहिष्कृत किया है। लेकिन इतिहास में कई ऐसे एक्स जेंडर हुए हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और बुद्धिमानी से इतिहास में एक अलग … Read more

Chendru: The Tiger Boy

The Chendru: The Tiger Boy आज कहानी बस्तर के चेंदरू मंडावी की जिसने 1960 के दशक में बस्तर का नाम विश्व पटल पर दिया । उस पर बनी वृतचित्र ने आस्कर जीता । वह महज 7 साल का था जब उसने यह लोक प्रसिद्धी हासिल की । इसकी प्रसिद्धी की गाथा भारत के प्रथम प्रधान … Read more

पाठ जात्रा

बस्तर की जो अंतराष्ट्रीय पहचान बनी है उसमें यहां के रीति रिवाजों और परम्पराओं का बहुत योगदान है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह 75 दिनों तक चलता है और इन पूरे 75 दिनों तक ट्राईबल कल्चर को नजदीक से देखा जा सकता है। बस्तर दशहरे में कई रस्में निभाई जाती है और … Read more

Sewerage Plant Balikonta

अब अपने घरों का गंदा पानी जो दलपत सागर और इंद्रावती में मिलाकर उसे दूषित करता था अब नहीं होगा। अब यह पानी सीधे जिला मुख्यालय से कुछ दूर स्थित बालीकोंटा गांव आर.सी.सी. पाइप द्वारा भेजा जाएगा जहां इस पानी को बकायदा ठीक-ठाक बनाकर यानि शुद्ध करके उपयोग करने लायक बनाया जाएगा और फिर वापस … Read more

बस्तर में घोटुल की प्रथा

बस्तर के रीतिरिवाजों के बारे में बहुत कुछ लिखा व कहा गया है। यहाँ की परम्पराएं जुदा हैं और इसीलिए शोध कर्ताओं को बस्तर की संस्कृति काफी दिलचस्प लगती है। मिसाल के तौर पर प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले त्यौहार दशहरे को ही लें ये भारत के अन्य हिस्सों में मनाए जाने वाली दशहरें से बिलकुल … Read more

Goncha Festival in Bastar

बस्तर दशहरा के बारे में विस्तार से मैंने अपने ब्लॉग में चर्चा की है , बस्तर में मनाया जाने वाला दशहरा कई मायनों में अन्य त्योहारों से जुदा है दृ इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कृपया  बस्तर दशहरा  ब्लॉग पढिये बस्तर जिले में दशहरा के बाद जिस पर्व का बेसब्री से इंतजार होता … Read more

Maharaj Pravir Chand Bhanj Dev

बस्तर के इतिहास के बारे में बहुत सारी जानकारी तत्कालीन महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव की लिखी पुस्तकें बताती हैं । जिनमें लोहंडीगुड़ा तरंगिनी जो 104 पृष्ठ का है तथा एक अन्य किताब आई प्रवीर दी आदिवासी गाॅड है । 200 पृष्ठों की लिखी ये पुस्तकें प्रवीर चंद्र भंजदेव के राजनीतिक विचारों को दर्शाती है। महाराजा के … Read more

बस्तर दशहरा

बस्तर में दशहरे का इतिहास 612 वर्ष पुराना है। आस्था और परस्पर सहायोग का प्रतीक बस्तर दशहरे की शुरूआत 1408 में काकतीय महाराजा पुरषोत्तम देव ने की थी । इसमें खास बात यह है कि यह त्यौहार राम की रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में नहीं मनाई जाती है। तो फिर क्यों मनाई … Read more