विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में भारतीय रेलवे की एक विशेष स्थान है हमारे देश में कुल 70000 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक पर रोजाना 231 लाख यात्री लगभग 75,000 यात्री कोच और 12000 यात्री ट्रेनों की सहायता से अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं, इस लेख में जानते हैं कि भारत में कुल कितनी रेल कोच(सवारी डिब्बा) फैक्ट्रियां है।
वर्तमान में भारत की सवारी रेल डिब्बों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कुल 4 रेल कोच फैक्ट्री कार्यरत है यह चारों फैक्ट्रियां भारत के चारों दिशाओ में स्थित है।
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इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई (ICF) Rail coach factory Chennai -south (दक्षिण )
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रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला Rail coach factory Kapurthala—north (उत्तर )
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रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली Rail coach factory Raebareli —-east (पूर्व )
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रेल कोच फैक्ट्री मराठवाड़ा Rail coach factory Latur —-west (पश्चिम )
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई (ICF) Rail coach factory Chennai):–
आजादी के बाद रेल यातायात को बढ़ाने और स्वदेशी की भावना के साथ सन 1952 इस रेलवे कोच फैक्ट्री की स्थापना तमिलनाडु राज्य की चेन्नई शहर के समीप श्रीपेरंबदूर में की गई थी।
इसकी स्थापना स्विट्जरलैंड की कार और लिफ्ट निर्माता कंपनी Schlieren–Zurich की मदद से की गई, इस फैक्ट्री में अन्य कोच फैक्ट्रियों की तुलना में सर्वाधिक लगभग 13000 कर्मचारी कार्यरत है ।
फैक्ट्री दो भागों में बटी हुई है सेल डिविजन और फर्निशिंग डिविजन । वंदे भारत जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों के अलावा दूसरे देशों को निर्यात करने के लिए भी कोच का निर्माण यहां किया जाता है ।
वर्ष 2018-19 कोच फैक्ट्री ने कुल 2919 कोच का उत्पादन करके चीन की कोच निर्माता फैक्ट्री को पछाड़ते हुए विश्व की सबसे बड़ी कोच निर्माण फैक्ट्री बन गई !
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला (Rail coach factory Kapurthala ):-
पंजाब के कपूरथला में इस रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना 1986 में की गई थी यह रेल कोच फैक्ट्री जालंधर फिरोजपुर रेल लाइन पर स्थित है ।
वार्षिक उत्पादन क्षमता 1500 कोच का है । इस कोच फैक्ट्री में 23 विभिन्न प्रकार के कोच का उत्पादन होता है, जिनमें राजधानी; शताब्दी; डबल डेकर; तेजस; हमसफर जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन सम्मिलित है ।
रेल कोच फैक्ट्री में आधुनिक एलएचबी यात्री डिब्बों का निर्माण हो रहा है, इस कोच फैक्ट्री में अब तक लगभग 25000 कोच का निर्माण किया जा चुका है ।
मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली (Rail coach factory Raebareli)
मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला 13 फरवरी 2007 को रखी गई थी, इस फैक्ट्री की स्थापना उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली जिले में की गई है।
शुरुआती चरण में इस फैक्ट्री का निर्माण धीमी गति से हुआ 7 नवंबर 2012 से राष्ट्र को समर्पित किया गया यह रेल कोच फैक्ट्री रेल निर्माण के आधुनिक यंत्रों से सुसज्जित है, इस कारखाने में रेल डिब्बों के अलावा रेल के पहियों का भी निर्माण किया जाता है।
यह फैक्ट्री लगभग 541 हेक्टेयर एरिया में फैली हुई है ,अनुमानित कर्मचारियों की संख्या 2500 है ! इस कोच फैक्ट्री की औसत उत्पादन क्षमता 1900 कोच वार्षिक है ।
रेल कोच फैक्ट्री मराठवाड़ा ( Rail coach factory Latur) :–
सबसे नए रेल कोच फैक्ट्री को दिसंबर 2020 मे राष्ट्र को समर्पित किया गया, इस फैक्ट्री की स्थापना महाराष्ट्र राज्य के लातूर जिले में की गई है।
इस फैक्ट्री में भी आधुनिक एलएचबी कोच का निर्माण किया जाएगा वार्षिक उत्पादन क्षमता 250 कोच है । 350 एकड़ एरिया मैं फैले इस फैक्ट्री से सामान्य कोच के अतिरिक्त मेट्रो रेल के कोच का भी निर्माण किया जाएगा !
Details of four rail coach factories
S.N. |
COACH FACTORY NAME |
PLACE |
PRODUCTION CAPACITY |
ESTABLISH YEAR |
FEATURES |
1 |
श्रीपेरंबदूर रेल कोच फैक्ट्री चेन्नई |
चेन्नई; तमिल नाडु |
2900 coach every year |
1955 |
सबसे पुरानी और उत्पादन के मामले में सबसे बड़ी कोच फैक्ट्री है ! |
2 |
कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री |
कपूरथला पंजाब |
1700 coach every year |
1886 |
दूसरी सबसे पुरानी रेल कोच उत्पादन फैक्ट्री है ! |
3 |
रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री |
रायबरेली उत्तर प्रदेश |
1900 coach every year |
2012 |
अत्याधुनिक रेलवे कोच फैक्ट्री है ! |
4 |
मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री |
लातूर महाराष्ट्र |
250 coach every year |
2020 |
अत्याधुनिक सबसे नई रेल कोच फैक्ट्री है ! |
RCF Vs LHB Coach–:
भारतीय रेल में पुरानी तकनीक से निर्मित आरसीएफ कोच का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया है और अब सिर्फ नई तकनीक से निर्मित एलएचबी कोच का ही उत्पादन किया जा रहा है।
उपरोक्त चारों रेल कोच फैक्ट्री में अब सिर्फ एलएचबी कोच का ही उत्पादन होता है। भारत में वर्ष 2018 से ही आरसीएफ कोच का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है ।
आगामी कुछ वर्षों में देश की सभी ट्रेनों को आधुनिक एलएचबी कोच से सुसज्जित कर दिया जाएगा । और पुराने आरसीएफ कोच को पूरी तरह से सेवा से हटा दिया जाएगा ।