kanger ghati national park.छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यानों में सबसे छोटा

kanger ghati national park  छत्तीसगढ़ के 3 राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यानों में यह सबसे छोटा किंतु सबसे सुंदर प्राकृतिक स्थलों से परिपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान दंडकारण्य पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति दुर्गम क्षेत्र की है राष्ट्रीय उद्यान के कई हिस्से आज भी मनुष्यों की पहुंच से दूर है।

इस उद्यान की स्थापना 22 जुलाई 1982 में की गई थी।

 kanger ghati national park की स्थिति–:

kanger ghati national park छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग में बस्तर जिले में स्थित है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पूर्वी छोर पर उड़ीसा राज्य दक्षिण भाग में छत्तीसगढ़ का सबसे दक्षिणी जिला सुकमा स्थित है।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 340 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह जिला मुख्यालय जगदलपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर इस उद्यान की सीमा प्रारंभ होती है

kanger ghati national park का एरिया –:

kanger ghati national park छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है जो 200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। हालांकि इस क्षेत्र में वनों का विस्तार नेशनल पार्क के क्षेत्रफल से भी ज्यादा है और इस

संपूर्ण वन क्षेत्र के कोर एरिया को ही कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में चिन्हित किया गया है।

पाए जाने वाले प्रमुख जीव जंतु –:

इस राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता अद्वितीय है।उद्यान के कुछ क्षेत्र अत्यंत दुर्गम है जहां आज तक मनुष्यों की पहुंच नहीं हो पाई है। उद्यान में सैकड़ों प्रजाति के जीव जंतु पाए जाते हैं जिनमें से प्रमुख निम्न है

बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, पहाड़ी मैना

इस उद्यान में पाए जाने वाली पहाड़ी मैना को छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी घोषित किया गया है। यह पक्षी हुबहू मनुष्यों की आवाज की नकल कर सकती है जो घने जंगलों के बीच किसी को भी आश्चर्य में डाल सकती है।

इस पक्षी के संरक्षण के उपाय छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे हैं ।इस पक्षी का अस्तित्व खतरे में है।

इस उद्यान में स्थित गुफाओं में एक अनोखी अंधी मछली पाई जाती है जो पूरे देश में मात्र यही देखी जा सकती है।

उद्यान में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल –:

kanger ghati national park में अनेकों पर्यटक स्थल है जहां की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है, उद्यान के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न है।

तितली पार्क –:

पूरे देश में मात्र दो तितली पार्क बनाए गए हैं पहला बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क कर्नाटक और दूसरा कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित है। यह तितली ज़ोन घनघोर जंगलों के बीच स्थित है ,जहां सैकड़ों प्रजाति की लाखों रंग बिरंगी तितलियों का दीदार किया जा सकता है ।

वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले वाहन और गाइड की मदद से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

तीरथगढ़ वॉटरफॉल –:

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की एक प्रमुख नदी मुनगा बहार नदी है, यह नदी कांगेर घाटी में कई वाटरफॉल का निर्माण करती है, उनमें से सबसे बड़ा और सबसे मनमोहक वॉटरफॉल तीरथगढ़ है ।

इस वाटरफॉल में सैकड़ों फीट की ऊंचाई से पानी सीढी नुमा ढलान पर नीचे गिरता है, दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे हजारों लीटर दूध ऊपर से गिर रहा है इस वाटरफॉल को देखने का सबसे उपयुक्त समय

सितंबर से मार्च के मध्य है वैसे किसी भी मौसम में यहां तक पहुंचा जा सकता है।

kanger ghati national park

प्राकृतिक गुफाएं –:

kanger ghati national park के प्रमुख पर्यटन आकर्षण में प्राकृतिक गुफाओं का महत्व अद्वितीय है यहां प्रमुख गुफाएं हैं कुटुमसर गुफा दंडक गुफा देवगिरी सीत गुफा और झुमरी गुफा।

इन गुफाओं का निर्माण चुना पत्थरों के घुलने और करोड़ों वर्षों के अपरदन से संभव हुआ है।

गुफाओं के अंदर स्टेलेक्टाइट और स्टेलेगमाइट की चुना पत्थरों से बनी हुई झाड़ फानूस आकृतियां अत्यंत मनमोहक लगती है इन गुफाओं में दिन में भी रात का अंधेरा होता है

वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए गाइड के माध्यम से इन गुफाओं के अंदर जाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस राष्ट्रीय उद्यान में कई और गुफाएं हैं जिन्हें खोजा जाना शेष है ।इन गुफाओं को देखने का

सही समय अक्टूबर से अप्रैल के मध्य है क्योंकि बारिश के मौसम में इन गुफाओं में पानी भरा रहता है

पर्यटन –:

कांगेर घाटी नेशनल पार्क में वन विभाग द्वारा पर्यटन की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है जिला मुख्यालय जगदलपुर से पार्क तक पहुंचने के लिए वाहन उपलब्ध है।

वाटरफॉल प्राकृतिक गुफाओं के अतिरिक्त इस उद्यान में एक्सप्लोर करने के लिए अनेक स्थान है जिनमें घने जंगल बहुत बड़े आकार के सैकड़ों वर्ष उम्र के पेड़ और पहाड़ी तथा घाटियां हैं।

शहरी जीवन की आपाधापी और प्रदूषण के बीच कुछ समय निकालकर इस राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण लाइफ़ टाइम अनुभव में से एक हो सकता है। इस उद्यान के अधिकतम क्षेत्र की हवा 100% शुद्ध है जो व्यक्ति को नई ऊर्जा और अनुभव से भर देती है।

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