rihand dam | कहां स्थित है, किस नदी पर स्थित है, क्षमता, लंबाई, लाभ, पहुंच मार्ग |

इस लेख मे ;-

rihand dam का इतिहास

rihand dam स्थिति /कहां स्थित है

rihand dam किस नदी पर स्थित है

rihand dam की क्षमता

बांध का विस्तार/लंबाई

जल विद्युत शक्ति

rihand dam  के लाभ

पहुंच मार्ग

कुछ प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं में रिहंद परियोजना का विशिष्ट महत्व है |

इसका प्रमुख कारण rihand dam से लाभान्वित होने वाले राज्य जिनमें उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, और झारखंड प्रमुख है | इस परियोजना से न सिर्फ सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार हुआ है, अपितु जल

विद्युत शक्ति के उत्पादन का लाभ भी इन राज्यों को प्राप्त हो रहा है |

rihand dam का इतिहास

आजादी के बाद देश की बड़ी जल क्षमता के दोहन के लिए नदी घाटी परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई, इन्हीं में से एक वृहद परियोजना है | प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी आधारशिला जुलाई 1954 में

रखी थी, इसके निर्माण में कुल 9 वर्षों का समय लगा और यह जनवरी 1963 से रिहंद  बांध परियोजना कार्य शील हो गई।

rihand dam स्थिति /कहां स्थित है

रिहंद बांध

रिहंद  बांध परियोजना छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित है, यह बांध उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पिपरी

नामक स्थान पर स्थित है | बांध के जलाशय का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश में और कुछ हिस्सा मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता है | इस रिहंद

बांध के  पश्चिम में मध्यप्रदेश का सीधी जिला है, और दक्षिण में छत्तीसगढ़ का सूरजपुर और बलरामपुर जिला स्थित है |

rihand dam किस नदी पर स्थित है

रिहंद बांध परियोजना रिहंद नदी पर बनाई गई है , इस नदी को रेणुका नदी के नाम से भी जाना जाता है |

इस नदी का उद्गम मतिरंगा की पहाड़ियों से होता है, जो कि अंबिकापुर तहसील छत्तीसगढ़ में स्थित है, अपने उद्गम से यह नदी उत्तर की ओर प्रवाहित होते हुए सरगुजा बेसिन और देवगढ़ की पहाड़ियों को काटते हुए

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में चोपन नामक स्थान पर सोन नदी में मिल जाती है | छत्तीसगढ़ से निकलने वाली इस नदी की छत्तीसगढ़ में कुल लंबाई 145 किलोमीटर है |

rihand dam की क्षमता

रिहंद नदी प्रायद्वीपीय भारत की कोई विशाल नदी नहीं है, फिर भी रिहंद बांध की क्षमता और आकार विशाल है | बांध से निर्मित जलाशय जिसे गोविंद बल्लभ पंत सागर कहा जाता है, मानव निर्मित बड़े जलाशयों में से

एक है |

गोविंद बल्लभ पंत सागर की जल धारण क्षमता 10000 लाख घन मीटर है |

बांध का विस्तार/लंबाई

रिहंद बांध को देश के बड़े बांधों में सम्मिलित किया जाता है |

बांध की औसत ऊंचाई 90 मीटर और लंबाई 935 मीटर है | बांध से निर्मित गोविंद बल्लभ पंत सागर 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो कि 30 किलोमीटर लंबा और 15 किलोमीटर चौड़ा है।

जल विद्युत शक्ति

प्रमुख बांधों की तरह इस बांध पर भी जल विद्युत प्राप्ति के लिए पावर प्लांट लगाए गए हैं, इसकी क्षमता 300 मेगावाट है, जिसका ज्यादातर उपयोग उत्तर प्रदेश के लिए होता है |

rihand dam  के लाभ

रिहंद बांध परियोजना के प्रमुख लाभ निम्न है |

1) छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के एक बड़े भूभाग में सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार हुआ है |

2 )स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधनों का भी विस्तार हुआ है |

3) जल विद्युत शक्ति से विद्युत की आवश्यकताओं की पूर्ति हुई है |

4) क्षेत्र में बाढ़ का खतरा लगभग समाप्त हो गया है |

पहुंच मार्ग

रिहंद बांध के आसपास का इलाका प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, जिसे घूमने और देखने के लिए पर्यटक प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं |
सबसे उपयुक्त समय यहां पर घूमने का सितंबर से मार्च के मध्य है | इस स्थान पर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग तीनों ही उपलब्ध है |

सड़क मार्ग
सड़क मार्ग द्वारा इस बांध तक उत्तर प्रदेश के रावटसगंज जिले से मध्य प्रदेश सीधी जिले से और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से पहुंचा जा सकता है  |N. H. 39 जो उत्तर प्रदेश के झांसी से झारखंड के रांची तक जाती है इस बांध के नजदीक शक्तिनगर से ही गुजरती है |
रेल मार्ग
रेल द्वारा इस रिहंद बांध  तक पहुंचने के लिए बनारस से मिर्जापुर होते हुए जिला मुख्यालय राबर्ट गंज से चोपन तक पहुंचना होता है, वहां से सार्वजनिक परिवहन के साधन सड़क मार्ग से यहां बांध तक पहुंचने के लिए उपलब्ध है |
हवाई मार्ग
सबसे नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनारस का है, जहां से अंतरराष्ट्रीय और अंतर्देशीय उड़ानों की सुविधा उपलब्ध है |
बनारस से रेल द्वारा यह सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचा जा सकता है |

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