Samvarti Suchi. समवर्ती सूची

समवर्ती सूची क्या है (samvarti suchi kya hai)–:

भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में केंद्रीय स्तर पर केंद्र सरकार और संसद कानून निर्माण का कार्य करते हैं, वही राज्यों में राज्य विधानसभा द्वारा कानून का निर्माण किया जाता है।

केंद्र और राज्यों के मध्य टकराव रोकने और शक्तियों के बंटवारे के लिए संविधान के 7 वीं अनुसूची 3 सूचियों का प्रावधान किया गया है 1) केंद्र सूची 2) राज्य सूची और 3) समवर्ती सूची।

केंद्र अनुसूची पर कानून निर्माण का अधिकार संसद के पास है वही राज्य सूची पर कानून निर्माण का अधिकार राज्य विधानमंडल के पास है।

समवर्ती सूची में ऐसे विषयों का उल्लेख है जिन पर कानून निर्माण का अधिकार संसद और विधान मंडल दोनों को है लेकिन एक ही विषय पर कानून का निर्माण होने पर संसद द्वारा पारित कानून मान्य होता है।

समवर्ती सूची में 52 विषयों को शामिल किया गया है जिन पर कानून बनाने का अधिकार संसद और राज्य विधानमंडल दोनों को दिया गया है, (इस सूची के विषय क्रम संख्या में 47 है)

भारतीय संविधान में उल्लेखित समवर्ती सूची को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रेरित माना जाता है।

समवर्ती सूची में उल्लेखित विषय (samvarti suchi ke vishay) –:

1. दण्ड विधि जिसके अन्तर्गत ऐसे सभी विषय है, जो इस संविधान के प्रारम्भ पर भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत आते हैं. किन्तु इसके अन्तर्गत सूची-1 या सूची-2 में विनिर्दिष्ट विषयों में से किसी विषय से

सम्बन्धित विधियों के विरुद्ध अपराध और सिविल शक्ति की सहायता के लिए नौसेना, सेना या वायुसेना अथवा संघ के किसी अन्य सशस्त्र बल का प्रयोग नहीं है.।

2. दण्ड प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत ऐसे सभी विषय है, जो इस संविधान के प्रारम्भ पर दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत है.

3. किसी राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था बनाए रखने या समुदाय के लिए आवश्यक प्रदायों और सेवाओं को बनाए रखने सम्बन्धी कारणों से निवारक निरोध इस प्रकार निरोध मे रखे गए व्यक्ति.।

4. बंदियों अभियुक्त व्यक्तियों और इस सूची की प्रविष्टि 3 में विनिर्दिष्ट कारणों से निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों का एक राज्य से दूसरे राज्य को हटाया जाना।

5. विवाह और विवाह विच्छेद, शिशु और अवयस्क दत्तक ग्रहण विल, निर्वसीयता और उत्तराधिकार, अविभक्त कुटुम्ब और विभाजन वे सभी विषय जिनके सम्बन्ध में न्यायिक कार्यवाहियों में पक्षकार इस संविधान के प्रारम्भ

से ठीक पहले अपनी स्वीय विधि के अधीन थे।

6. कृषि भूमि से भिन्न सम्पत्ति का अन्तरण, विलेखों और दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण.।

7. सविदाएं जिनके अन्तर्गत भागीदारी अभिकरण, वहन की सविदाएं और अन्य विशेष प्रकार की संविदाए हैं, किन्तु कृषि भूमि सम्बन्धी सविदाएं नहीं है.।

8. अनुयोज्य दोष।

9. शोधन अक्षमता और दिवाला ।

10. न्यास और न्यासी ।

11. महाप्रशासक और शासकीय न्यासी  (क) न्याय प्रशासन उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों से भिन्न सभी न्याया लयों का गठन और संगठन ।

12. साक्ष्य और शपथ विधियों, लोक कार्यों और अभिलेखों और न्यायिक कार्य- वाहियों को मान्यता।

13. सिविल प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत ऐसे सभी विषय है. जो इस संविधान के प्रारम्भ पर सिविल प्रक्रिया सहिता के अन्तर्गत आते है, परिसीमा और माध्यस्थम् ।

14. न्यायालय का अवमान किन्तु इसके अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय का अवमान नहीं है ।

15. आहिंडन यायावरी और प्रव्राजी जनजातियाँ ।

16. पागलपन और मनोवैकल्य जिसके अन्तर्गत पागलो और मनोविकल व्यक्तियों को ग्रहण करने या उनका उपचार करने के स्थान हैं.।

17. पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण ।

(क) वन   (ख) वन्य जीव-जन्तुओं और पक्षियों का संरक्षण ।

18. खाद्य पदार्थों और अन्य माल का अपमिश्रण ।

19. अफीम के सम्बन्ध में सूची-1 की प्रविष्टि 59 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए मादक द्रव्य और विष ।

20. आर्थिक और सामाजिक योजना.।

(क) जनसंख्या नियन्त्रण और परिवार नियोजन।

21. वाणिज्यिक और औद्योगिक एका-धिकार, गुट और न्यास,।

22. व्यापार संघ, औद्योगिक और श्रम विवाद।

23. सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक बीमा, नियोजन और बेकारी ।

24. श्रमिकों का कल्याण जिसके अन्तर्गत कार्य की दशाएं, भविष्य निधि, नियोजक का दायित्व, कर्मकार प्रतिकर, अशक्तता और वार्धक्य पेंशन तथा प्रसूति सुविधाएं हैं.।

25. सूची-1 की प्रविष्टि 63, 64, 65 और 66 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए शिक्षा जिसके अन्तर्गत तकनीकी शिक्षा, आयुर्विज्ञान शिक्षा और विश्वविद्यालय हैं. श्रमिकों का व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण.।

26. विधि वृत्ति, चिकित्सा वृत्ति और अन्य वृत्तियाँ ।

27. भारत और पाकिस्तान डोमिनियनों के स्थापित होने के कारण अपने मूल निवास स्थान से विस्थापित व्यक्तियों की सहायता और पुनर्वास.।

28. पूर्त कार्य और पूर्त संस्थाएं, पूर्त और धार्मिक विन्यास और धार्मिक संस्थाए ।

29. मानवों, जीव-जन्तुओं या पौधों पर प्रभाव डालने वाले संक्रामक या सांसर्गिक रोगों अथवा नाशकजीवों के एक राज्य से दूसरे राज्य में फैलने का निवारण…।

30. जन्म-मरण सांख्यिकी जिसके अन्तर्गत जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण है. 31. संसद द्वारा बनाई गई विधि या विद्यमान विधि द्वारा या उसके अधीन महा- पत्तन घोषित पत्तनों से भिन्न पत्तन.।

32. राष्ट्रीय जलमार्गों के सम्बन्ध में सूची-1 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए अन्तर्देशीय जलमार्गों पर यन्त्र नोदित जल- यानों के सम्बन्ध में पोत परिवहन और नौ- परिवहन तथा ऐसे जलमार्गों पर मार्ग का नियम और

अन्तर्देशीय जलमार्गों द्वारा यात्रियों और माल का वहन.।

33. (क) जहाँ संसद द्वारा विधि द्वारा किसी उद्योग का संघ द्वारा नियन्त्रण लोक- हित में समीचीन घोषित किया जाता है वहाँ उस उद्योग के उत्पादों का और उसी प्रकार के आयात किए गए माल का ऐसे उत्पादों के रूप में।

(ख) खाद्य पदार्थों का जिनके अन्तर्गत खाद्य तिलहन और तेल है।

(ग) पशुओं के चारे का जिसके अन्तर्गत खली और अन्य सारकृत चारे हैं.।

(घ) कच्ची कपास का चाहे वह ओटी हुई हो या बिना ओटी हो और बिनौले का और।

(ङ) कच्चे जूट का व्यापार और वाणिज्य तथा उनका उत्पादन प्रदाय और वितरण,।

(च) बाट और माप जिनके अन्तर्गत मानकों का नियत किया जाना नहीं है.।

34. कीमत नियन्त्रण ।

35. यन्त्र नोदित यान जिसके अन्तर्गत वे सिद्धान्त हैं जिनके अनुसार ऐसे यानों पर कर उद्गृहीत किया जाना है.।

36. कारखाने ।

37. बायलर.।

38. विद्युत.।

39. समाचार पत्र, मुद्रणालय. पुस्तकें।

40. संसद द्वारा बनाई गई विधि द्वारा या उसके अधीन राष्ट्रीय महत्व के (घोषित) पुरातत्वीय स्थलों और अवशेषों से भिन्न पुरातत्वीय स्थल और अवशेष।

41. ऐसी सम्पत्ति की (जिसके अन्तर्गत कृषि भूमि है) अभिरक्षा प्रबन्ध और व्ययन जो विधि द्वारा निष्कान्त सम्पत्ति घोषित की जाए ।

42. सम्पत्ति का अर्जन और अधिग्रहण ।

43. किसी राज्य में उस राज्य से बाहर उद्भूत कर से सम्बन्धित दावों और अन्य लोक माँगों की वसूली जिनके अन्तर्गत भू- राजस्व की बकाया और ऐसी बकाया के रूप में वसूल की जा सकने वाली राशियाँ हैं।

44. न्यायिक स्टाम्पों के द्वारा संगृहीत शुल्कों या फीसों से भिन्न स्टाम्प शुल्क, किन्तु इसके अन्तर्गत स्टाम्प शुल्क की दरें नही है ।

45. सूची-2 या सूची-3 में विनिर्दिष्ट विषयों में से किसी विषय के प्रयोजनों के लिए जाँच और आँकड़े,।

46. उच्चतम न्यायालय से भिन्न सभी न्यायालयों की इस सूची के विषयों में से किसी विषय के सम्बन्ध में अधिकारिता और शक्तियाँ ।

47. इस सूची के विषयों में से किसी विषय के सम्बन्ध में फीस, किन्तु इसके अन्तर्गत किसी न्यायालय में ली जाने वाली फीस नहीं है.।

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