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संविधान के अंतर्गत सर्वोच्च राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था का प्रावधान होता है और विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे लोकतंत्र के प्रमुख आधार स्तंभों की स्थापना होती है।
संविधान किसी भी देश का महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसकी सहायता से देश का बुनियादी ढांचा निर्मित होता है, और देश में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का निर्माण संभव होता है।
भारतीय संविधान भारत के लोगों द्वारा निर्मित और आत्म अर्पित है। संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था, पूर्णरूपेण यह संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया।
भारतीय संविधान मुख्यतः दो भागों में बटा हुआ है। 1) अनुच्छेद (Article) और 2) अनुसूचियां (Anusuchi) (Schedules) ।
संविधान को जब लागू किया गया उस समय संविधान के कुल 22 भागों में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। वर्तमान में अनुच्छेदों की संख्या बढ़कर 445 और अनुसूचियों की संख्या 12 हो चुकी है।
इस लेख में हम भारतीय संविधान में उल्लिखित अनुसूचियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
संविधान में उल्लिखित अनुच्छेदों का विस्तार अनुसूचियों में है।
अनुसूचियां –:
S.N. |
अनुसूची |
विवरण |
1 |
पहली अनुसूची (अनुच्छेद 1 तथा 4) | राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र का वर्णन |
2 | दूसरी अनुसूची – ( अनुच्छेद-59 (3), 65 (3), 75 (6), 97, 125, 148 (3), 158 (3), 164 (5), 186 तथा 221) |
मुख्य पदाधिकारियों के वेतन-भत्ते भाग-क- राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन-भत्ते, भाग-ग- लोक सभा तथा विधान सभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राज्य सभा तथा विधान परिषद् के सभापति तथा उपसभापति के वेतन-भत्ते, भाग-ध उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन-भत्ते, भाग-ङ- भारत के नियंत्रक – महालेखा परीक्षक के वेतन-भत्ते |
3 |
तीसरी अनुसूची- ( अनुच्छेद-75(4), 99, 124 (6), 148 (2), 164 (3), 188 और 219) | व्यवस्थापिका के सदस्य मंत्री राष्ट्रपति, उप- राष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के लिए शपथ लिए जाने वाले प्रतिज्ञान के प्रारूप दिए हैं |
4 | चौथी अनुसूची अनुच्छेद (4 (1), 80 (2)] |
राज्य सभा में स्थानों का आवंटन राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों से |
5 |
पाँचवी अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) | अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से सम्बन्धित उपबन्ध |
6 | छठी अनुसूची अनुच्छेद 244(2), 275 (1) |
असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के विषय में उपबंध |
7 |
सातवी सूची (अनुच्छेद 246) | विषयों के वितरण से सम्बन्धित सूची-1 संघ सूची सूची-2 राज्य सूची, सूची-3 समवर्ती सूची |
8 | आठवीं अनुसूची अनुच्छेद 344 (1). 351 |
भाषाएं 22 भाषाओं का उल्लेख |
9 |
नवी अनुसूची (अनुच्छेद 31ख) | कुछ भूमि सुधार सम्बन्धी अधिनियमों का विधि मान्य करण |
10 | दसवी अनुसूची अनुच्छेद-102 (2), 191 (2) |
दल परिवर्तन सम्बन्धी उपबन्ध तथा दल परिवर्तन के आधार पर अयोग्यताएं |
11 |
ग्यारहवी अनुसूची 243-G | पंचायत राज अधिनियम |
12 | बारहवीं अनुसूची 243-W |
नगरपालिका अधिनियम |
प्रथम अनुसूची –:
i) संविधान की प्रथम अनुसूची का संबंध अनुच्छेद 1 से 4 तक है, इस अनुसूची में राज्यों के नाम और उनके अधिकार क्षेत्र और संघ शासित क्षेत्रों के नाम और उनके विस्तार के बारे में वर्णन किया गया है।
ii) इस अनुसूची में देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम और राजनीतिक सीमाओं का विवरण दिया गया है।
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द्वितीय अनुसूची –:
इस अनुसूची में निम्न संवैधानिक पदों की परिलब्धियों (वेतन) भत्तों और विशेष अधिकारों का वर्णन है।
i) राष्ट्रपति और राज्यपाल।
ii) लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ।
iii) राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) और उपसभापति ।
iv) राज्य विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष।
v) राज्य विधान परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ।
vi) सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ।
vii) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG)।
तृतीय अनुसूची –:
इस अनुसूची में निम्न संवैधानिक पदों के लिए शपथ का प्रारूप दिया गया है।
i) केंद्रीय मंत्री ।
ii) संसदीय चुनाव के प्रत्याशी ।
iii) संसद सदस्य ।
iv) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ।
v) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक।
vi) राज्य मंत्री ।
vii) राज्य विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी ।
viii) राज्य विधानसभा के सदस्य ।
ix) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश।
चतुर्थ अनुसूची –:
i) संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए अप्रत्यक्ष मतदान द्वारा कुल 238 सदस्यों के चुनाव की व्यवस्था की गई है ।
ii) इस संबंध में चतुर्थ अनुसूची में राज्यसभा में राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए सीटों का आवंटन किया गया है।
पांचवी अनुसूची –:
पांचवी अनुसूची में अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों के नियंत्रण और प्रशासन से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
छठवीं अनुसूची –:
इस अनुसूची में असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
सातवीं अनुसूची –:
i) सूची I ( संघ सूची), सूची II ( राज्य की सूची), सूची III ( समवर्ती सूची) के संदर्भ में केंद्र और राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया गया है।
ii) संघ सूची में उन विषयों का उल्लेख है जिन पर संसद द्वारा कानून का निर्माण किया जाता है ।
iii) राज्य सूची में उन विषयों का वर्णन है जिन पर राज्य की विधानसभाओं द्वारा कानून का निर्माण किया जाता है।
iv) समवर्ती सूची में केंद्र और राज्य दोनों के द्वारा कानून के निर्माण किए जाने वाले विषयों का उल्लेख है लेकिन समवर्ती सूची में राज्य विधानसभाओं के अधिकारों पर संसद को आधिक्य प्राप्त है।
v) संविधान के अनुच्छेद 248 (1) के अनुसार केंद्र सूची के अतिरिक्त राज्य सूची और समवर्ती सूची में जिन विषयों का उल्लेख नहीं है, उन सभी पर कानून बनाने का अधिकार संसद के पास होगा इस प्रकार संसद को 7 वीं अनुसूची के संबंध में अवशिष्ट शक्तियां प्राप्त हैं।
आठवीं अनुसूची –:
संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाएं इस अनुसूची में सम्मिलित की गई है, संविधान लागू होने के समय इस अनुसूची में कुल 14 भाषाएं थी, जो वर्तमान में 22 हो चुकी है।
इस अनुसूची में सम्मिलित 22 भाषाएं निम्न है।
आसामी, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, हिंदी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, डोंगरी, मैथिली, बोडो और संथाली।
सिंधी भाषा को 21वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा 1967 में फिर कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को 71 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा और डोंगरी, मैथिली, बोडो और संथाली भाषाओं को 92 वें
संशोधन 2003 द्वारा आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया है।
नौवीं अनुसूची –:
i) इस अनुसूची को संविधान में पहले संविधान संशोधन अधिनियम 1951 द्वारा शामिल किया गया था।
ii) कुछ अधिनियम और नियमों की वैधता विशेषता भूमि सुधार से संबंधित ऐसे अधिनियम ओ कि इस अनुसूची में व्यवस्था है।
iii) इस अनुसूची में ऐसे विषयों को सम्मिलित किया जाता है जिन्हें न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
दसवीं अनुसूची –:
i) इस अनुसूची को संविधान के 52 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा 1985 में शामिल किया गया था इसमें दल बदल विरोधी अधिनियम की व्यवस्था है।
ii) अनुसूची के अंतर्गत दोष अथवा त्रुटी के आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी व्यवस्था है।
ग्यारहवीं अनुसूची –:
i) इस अनुसूची को संविधान के 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा 1982 में सम्मिलित किया गया।
ii) अनुसूची में पंचायतों की शक्तियों अधिकारों और दायित्वों का उल्लेख है इसमें पंचायतों के लिए कुल 29 विषय निर्धारित है।
12वीं अनुसूची –:
i) इस अनुसूची को संविधान के 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा सम्मिलित किया गया था।
ii) अनुसूची में नगर पालिकाओं की शक्तियों अधिकारों और दायित्वों का उल्लेख है जिनमें कुल 18 विषयों का उल्लेख किया गया है।
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