Guru Nanak Dev ji.

Guru Nanak Dev ji

भारत भूमि अनेक संप्रदायों की जन्मदाता रही है ! इन्हीं संप्रदायों में से एक प्रमुख पंथ सिक्ख भी है, पंथ की स्थापना Guru Nanak Dev ji  ने की थी ।        कबीर के बाद समाज को प्रभावित करने वालों में नानक का महत्वपूर्ण स्थान है, उन्होंने बिना किसी वर्ग पर आरोप लगाए ही उसके अंदर छिपे … Read more

महाराणा प्रताप | हल्दी घाटी की लड़ाई मे चेतक ने कैसे महाराणा प्रताप की रक्षा की |

maharana pratap

इस लेख मे  महाराणा प्रताप परिचय – महाराणा प्रताप का इतिहास | महाराणा प्रताप की वापसी | महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था ? महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक | हल्दीघाटी की लड़ाई की पृष्ठभूमि  हल्दीघाटी की लड़ाई 18जून 1576  महाराणा प्रताप और भामाशाह  | महाराणा प्रताप की कितनी पत्नियां थी ? महाराणा प्रताप की … Read more

दिल्ली अभी दूर है किसने कहा ?

दिल्ली अभी दूर है किसने कहा

हम सभी ने कहावत दिल्ली दूर है, कभी न कभी अवश्य सुना है, या प्रयोग किया है, चलिए जानते हैं इस कहावत (दिल्ली अभी दूर है किसने कहा) का प्रयोग सबसे पहले किसने, कब, और क्यों किया था।           प्रत्येक किस्से या कहावत का संबंध इतिहास से है, तो दिल्ली दूर … Read more

मोहम्मद बिन तुगलक | किस्सा तुगलकी फरमान और दिल्ली दूर है का |

हम सभी ने “तुगलकी फरमान” वाले मुहावरे का या तो कभी ना कभी प्रयोग किया है, या इसे सुना तो अवश्य है इस मुहावरे का संबंध सल्तनत काल के मशहूर शासक मोहम्मद बिन तुगलक से है। इसके अतिरिक्त एक अन्य मशहूर कहावत दिल्ली दूर है का भी संबंध मोहम्मद बिन तुगलक से ही है ! … Read more

अलाउद्दीन खिलजी | श्रापित हीरा “कोहेनूर” खिलजी के पास कैसे पहुचा ?

अल्लाउद्दीन खिलजी

इतिहास में अलाउद्दीन खिलजी की पहचान क्रूर और कठोर शासक के रूप में की गई है । उसने हिंदू जनता पर बहुत ज्यादा अत्याचार किया, हिंदुओं के घर नष्ट कर देना, उनकी जमीन जप्त कर लेना साथ ही उन्हें जबरदस्ती मुसलमान बनाना या फिर मुस्लिम धर्म न ग्रहण करने पर  मौत के घाट उतार देना … Read more

malik kafur. x जेंडर सेनापति जिसने “कोहेनूर” हिरे को गुमनामी से बाहर निकाला |

मलिक-काफ़ूर

 समाज में हमेशा ही “X” जेंडर या थर्ड जेंडर के लोगों के साथ भेदभाव किया है , साथ ही उन्हें समाज पर बोझ के रूप में देखा है,और समाज ने उन्हें हमेशा ही बहिष्कृत किया है। लेकिन इतिहास में कई ऐसे एक्स जेंडर हुए हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और बुद्धिमानी से इतिहास में एक अलग … Read more

Goncha Festival in Bastar

बस्तर दशहरा के बारे में विस्तार से मैंने अपने ब्लॉग में चर्चा की है , बस्तर में मनाया जाने वाला दशहरा कई मायनों में अन्य त्योहारों से जुदा है दृ इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कृपया  बस्तर दशहरा  ब्लॉग पढिये बस्तर जिले में दशहरा के बाद जिस पर्व का बेसब्री से इंतजार होता … Read more

Maharaj Pravir Chand Bhanj Dev

बस्तर के इतिहास के बारे में बहुत सारी जानकारी तत्कालीन महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव की लिखी पुस्तकें बताती हैं । जिनमें लोहंडीगुड़ा तरंगिनी जो 104 पृष्ठ का है तथा एक अन्य किताब आई प्रवीर दी आदिवासी गाॅड है । 200 पृष्ठों की लिखी ये पुस्तकें प्रवीर चंद्र भंजदेव के राजनीतिक विचारों को दर्शाती है। महाराजा के … Read more

बस्तर दशहरा

बस्तर में दशहरे का इतिहास 612 वर्ष पुराना है। आस्था और परस्पर सहायोग का प्रतीक बस्तर दशहरे की शुरूआत 1408 में काकतीय महाराजा पुरषोत्तम देव ने की थी । इसमें खास बात यह है कि यह त्यौहार राम की रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में नहीं मनाई जाती है। तो फिर क्यों मनाई … Read more

Rulers of Bastar

विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों के लिए मिले सामग्रियों की तमाम जानकारियां इकठ्ठा करने के बाद जो निकल आया है उसे मैने एक जगह समेटने का प्रयास किया है । प्रस्तुत ब्लाॅग में दी गई ज्यादातर आंकडे व जानकारियों स्थानीय साहित्यकार, लेखक और विचारकों के हैं । जिसे मैने लिपि बद्ध की है। जैसे पं. … Read more