जगदलपुर के समीप कई जलप्रपात है जो सारे देश में अपनी खूबसूरती और प्राकृतिक स्थिति के लिए प्रसिद्ध है।
इस लेख में जानते हैं Jagdalpur waterfalls के बारे में कि यहां कौन-कौन से वाटरफॉल हैं और उनकी क्या विशेषताएं हैं पहुंच मार्ग क्या है इन पर कब विजिट करना उपयुक्त होगा और उन पर कैसे पहुंचे।
जगदलपुर के समीप दर्शनीय जलप्रपात निम्न है।
3) चित्रधारा वॉटरफॉल
4) तामड़ा घूमर वॉटरफॉल
5)मेंद्री घूमर/हाथी धरहा वॉटरफॉल
6) सप्तधारा वॉटरफॉल
1) चित्रकूट वॉटरफॉल :–
जगदलपुर से पश्चिम दिशा में 40 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकूट या चित्रकूट वाटरफॉल स्थित है बस्तर की प्रमुख नदी इंद्रावती पर यह वाटरफॉल स्थित है।
लगभग 90 फुट की ऊंचाई से पानी तेज गर्जना के साथ नीचे गिरता है जिन दिनों में पानी साफ होता है उस समय इस जलप्रपात पर एक मनमोहक इंद्रधनुष का निर्माण होता है।
यह जलप्रपात भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है इसलिए इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।
इस जलप्रपात को देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय सितंबर अक्टूबर से फरवरी के मध्य होता है।
इस जलप्रपात को देखने के लिए बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचना होगा स्थान सड़क मार्ग वायु मार्ग और रेल मार्ग सभी से जुड़ा हुआ है
चित्रकोट वाटरफॉल के बारे में विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें
2) तीरथगढ़ वॉटरफॉल :–
जगदलपुर से 48 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित जलप्रपात मुनगा बाहर नदी पर स्थित है।
छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात है जो कई हिस्सों में बटकर सीढ़ी नुमा पत्थर से 300 फुट की ऊंचाई से गिरता है।
जब पानी ऊपर से नीचे पत्थरों की सीढ़ियों से गिरता है तो ऐसा लगता है मानो लाखों लीटर दूध बह रहा हो बरसात के दिनों में तो जलप्रपात की गर्जना बहुत दूर से ही सुनी जा सकती है।
यह देश का सबसे खूबसूरत जलप्रपातों में से एक है इस जलप्रपात के चारों ओर स्थित घने जंगल इसकी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देते हैं।
इस जलप्रपात को भी देखने का सबसे उपयुक्त समय सितंबर अक्टूबर से लेकर मार्च के मध्य है इस जलप्रपात के पास अन्य प्राकृतिक स्थल भी है जिस का भ्रमण किया जा सकता है
विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें तीरथगढ़ वॉटरफॉल
3) चित्रधारा :–
जगदलपुर से पश्चिम दिशा में 20 किलोमीटर दूर यह जलप्रपात बरसाती नाले पर स्थित है पहाड़ी पर खेतों के बीच स्थित यह जलप्रपात कई भागों में बटा हुआ है।
गर्मियों में यह जलप्रपात लगभग सूख जाता है यह जलप्रपात पत्थर की प्राकृतिक सीढ़ियों से बना हुआ है। जिससे जलप्रपात के सबसे निचले स्तर तक आसानी से जाया जा सकता है जलप्रपात के ऊपर फूलों का बगीचा भी है।
जहां रंग-बिरंगे सैकड़ों प्रजाति के फूल देखे जा सकते हैं।
4) तामड़ा धुमड :–
जलप्रपात चित्रकूट वाटरफॉल से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बरसात के मौसम में यह जलप्रपात बहुत तेज आवाज के साथ 260 मीटर की ऊंचाई से लाखों लीटर पानी नीचे गिरता है
5) हाथी दरहा/ मेन्द्रिघुमर :–
जगदलपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में गीदम मार्ग पर भेन्द्री ग्राम के पश्चिम में गहरी खाई स्थित है जिसे हाथी धरहा के नाम से जाना जाता है खाई की गहराई 150 से 200 फुट है और आकार रोमन लेटर के U अक्षर जैसा है।
यहां मटनार नाला 100 फिट की ऊंचाई से गिरता है और एक खूबसूरत जलप्रपात का निर्माण होता है बसंत के मौसम में छोटे रंग-बिरंगे जंगली फूलों से इस खाई की छटा देखते ही बनती है।
6) सप्तधारा :–
जगदलपुर से 100 किलोमीटर दूर बारसूर नामक स्थान पर इंद्रावती नदी सात धाराओं में बैठकर सप्त जलप्रपात का निर्माण करती है।
इंद्रावती नदी बोध घाट पहाड़ी से गिरते हुए क्रम से बोध धारा, कपिलधारा ,पांडव धारा, कृष्ण धारा, शिव धारा, बाण धारा और शिव चित्रधारा का निर्माण करती है स्थान चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है इसलिए अत्यंत रमणीय और दर्शनीय है