इस लेख मे ;-
उद्गम स्थल/ कहां से निकलती हैमहानदी किस प्रदेश की प्रमुख नदी हैप्रवाह क्षेत्रसहायक नदियांमहानदी के किनारे पर बसे हुए प्रमुख शहरमहानदी का प्राचीन नाममहानदी का धार्मिक महत्वमहानदी पर निर्मित बांध |
Mahanadi river –:
भारतीय उपमहाद्वीप में प्रकृति ने पर्वत, पठार, नदियां, झील आदि प्राकृतिक संसाधनों के उपहारों से परिपूर्ण किया है, और इन संसाधनों में मानव सभ्यता के विकास में नदियों का योगदान अमूल्य है ।
भारत की नदियों को दो भागों में बांटा जा सकता है, हिमालय से निकलने वाली नदियां और दूसरी प्रायद्वीपीय भारत की नदियां, हिमालय से निकलने वाली नदियां सदा नीरा रहती है अर्थात इन नदियों में वर्ष भर जल होता है,
इसके विपरीत प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में गर्मीयों में जल की कमी हो जाती है, और वह सूख जाती है ।
परंतु प्रायद्वीपीय भारत की कुछ नदियां भी सदानीरा रहती है , उन्हीं में से एक प्रमुख नदी है mahanadi।
नाम से ही स्पष्ट है कि यह नदी आकार में विशाल है, महानदी प्रायद्वीपीय भारत की बड़ी नदियों में से एक है ।
जैसे नर्मदा नदी का विशेष प्रभाव मध्य प्रदेश के जीवन संस्कृति और धार्मिक स्थानों पर पड़ा है ,उसी प्रकार का प्रभाव महानदी का छत्तीसगढ़ में है।
mahanadi originates from उद्गम स्थल/ कहां से निकलती है–:
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दक्षिण दिशा में स्थित धमतरी जिले के सिहावा पर्वत से महानदी का उद्गम होता है, यह स्थान रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, सिहावा पर्वत जंगलों से घिरा हुआ
दुर्गम क्षेत्र है, यहां पर सिहावा पर्वत की चोटी पर स्थित एक कुंड से पतली धारा के रूप में इस विशाल नदी का उद्गम होता है ।
Mahanadi किस प्रदेश की प्रमुख नदी है
mahanadi का उद्गम तो छत्तीसगढ़ में होता है ।लेकिन उड़ीसा राज्य में इस नदी का अपवाह क्षेत्र और लंबाई दोनों छत्तीसगढ़ से अधिक है।
इस प्रकार महानदी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य की प्रमुख नदी है महानदी अपवाह क्षेत्र उड़ीसा राज्य में अधिक होने से इसका लाभ उड़ीसा को अधिक मिलता है, महानदी की कुल लंबाई 864 किलोमीटर है जिसमें से
286 किलोमीटर छत्तीसगढ़ में और 578 किलोमीटर उड़ीसा राज्य में इसकी प्रवाह लंबाई है ।
प्रवाह क्षेत्र
सिहावा पर्वत से निकलकर यह नदी उत्तर पूर्व दिशा में बहती हुई राजिम पहुंचती है, जहां इस नदी का संगम पैरी और सोंढुर नदियों के साथ होता है ।इस त्रिवेणी संगम से आगे यह नदी बलौदाबाजार से पूर्व दिशा में मुड़कर
जांजगीर-चांपा जिले में बहती हुई रायगढ़ जिले में पहुंचती है, वहां से उड़ीसा राज्य में प्रवेश कर जाती है, उड़ीसा राज्य में पूर्व दिशा में प्रवाहित होते हुए उड़ीसा के कटक के समीप यह बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है ।
Chhattisgarh main mahanadi kitne jile se hokar bahti hai
छत्तीसगढ़ में महानदी कुल 8 जिलों से होकर बहती है जिसमे धमतरी,कांकेर गरियाबंद, महासमुंद, बलोदा बाजार, जांजगीर चंपा, शक्ति और रायगढ़ है।
tributaries of mahanadi महानदी की सहायक नदियां
mahanadi के आकार को विशाल करने में ढेरों सहायक नदियों का योगदान है। शुरुआत में राजिम में जब पैरी और सोडूर नदियों का संगम होता है तो, यहां से महानदी का आकार विशाल होता चला जाता है ।
एक और प्रमुख संगम महानदी का छत्तीसगढ़ की एक और प्रमुख नदी शिवनाथ से शिवरीनारायण में होता है |
महानदी की प्रमुख सहायक नदियां निम्न है ।
शिवनाथ, हसदो, बोरई, मांड, ईब, पैरी, ब्राह्मडी, शंख ,छोटी , सोंढुर आदि |
Mahanadi के किनारे पर बसे हुए प्रमुख शहर
छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी होने के बावजूद छत्तीसगढ़ का कोई भी बड़ा शहर किस नदी के तट पर स्थित नहीं है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य के निम्न नगर इस नदी के तट पर स्थित है।
राजिम, महासमुंद प्राचीन नगर सिरपुर शिवरीनारायण, आरंग, संबलपुर, बालांगीर ,कटक आदि ।
Mahanadi का प्राचीन नाम
हिंदू धर्म ग्रंथों और जन श्रुतियों में भारत देश के लगभग सभी नदियों के नामों का उल्लेख है, तो छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा माने जाने वाली महानदी के कुछ प्राचीन नाम जो शास्त्रों और प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित हैं, निम्न है | चित्रोत्पला, कनक नंदनी, महानंदा, निलोत्पला, मंदवाहिनी आदि।
महर्षि ‘श्रृंगी’ ने अपने प्रिय शिष्य ‘महानंद’ के नाम पर इस नदी को महानदी नाम दिया था |
महानदी का धार्मिक महत्व
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में जो महत्व गंगा नदी का है वही महत्व mahanadi का छत्तीसगढ़ में है, छत्तीसगढ़ में महानदी के दो संगम प्रसिद्ध है ।
राजिम संगम का महत्व प्रयाग के संगम जैसा ही है, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित इस त्रिवेणी संगम में महानदी से आकर पैरी और सोढुर नदियों का संगम होता है, प्रयाग संगम की ही तरह माघ माह में यहां मेले का
आयोजन होता है, जहां छत्तीसगढ़ और देश विदेश के लोग आते हैं और स्नान ध्यान का लाभ प्राप्त करते हैं ।
mahanadi का एक और संगम शिवरीनारायण में शिवनाथ नदी के साथ होता है ,यह स्थान प्राचीन समय से ही हिंदू और बौद्ध आस्था का केंद्र बिंदु रहा है ।
इस प्रकार महानदी छत्तीसगढ़ के धार्मिक अध्यात्म का केंद्र बिंदु है |
महानदी पर निर्मित बांध
mahanadi की विशाल जल राशि का सदुपयोग करने के लिए छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में बांधों का निर्माण किया गया है ।
प्रमुख तीन बड़े बांध इस नदी पर निर्मित है छत्तीसगढ़ में रुद्री और गंगरेल तथा उड़ीसा में हीराकुंड बांध है।
रुद्री बांध
इस बांध का निर्माण ब्रिटिश काल में वर्ष 1915 में धमतरी जिले में हुआ था। इस बांध से 100 किलोमीटर से ज्यादा लंबी नहर निकाली गई हैं, जो धमतरी, रायपुर, बालोद और बलौदा बाजार के बड़े भूभाग में सिंचाई की
सुविधा उपलब्ध कराती है ।
वर्ष 1993 में रुद्री बांध का स्थान रुद्री बैराज ने ले लिया है।
छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा और सबसे बड़ा बांध धमतरी जिले में स्थित है, इसे रविशंकर बांध के नाम से भी जाना जाता है, जो धमतरी शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
1972 मे इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ जो 1978 में पूरा हुआ धमतरी और आसपास के जिलों के लिए निस्तारी और सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध होती है ।
देश के सबसे बड़े बांधों में से एक यह बांध महानदी पर उड़ीसा के संबलपुर जिले में निर्मित है।
1957 में निर्माण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह विश्व का सबसे लंबा बांध है, जिसकी लंबाई 4.8 किलोमीटर जो कि लगभग 5 किलोमीटर के बराबर है।
इस बांध से छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के एक बड़े भूभाग में सिंचाई की सुविधाओं का विकास हुआ है, इस बांध पर जल शक्ति विद्युत गृह भी स्थापित किया गया है, यहां से विद्युत का उत्पादन होता है ।
F.A.Q.
Q 1 महानदी कितने राज्य से होकर गुजरती है ?
Ans – महानदी का प्रवाह क्षेत्र मुख्यतः दो राज्यों छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में विस्तृत है। इस नदी का अपवाह क्षेत्र छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों तक फैला हुआ है।
Q 2 महानदी के कितने नाम है ?
Ans – महानदी के प्रमुख नाम निम्नलिखित है।
चित्रोत्पला, कनक नंदनी, महानंदा, निलोत्पला, मंदवाहिनी आदि।
Q 3 महानदी की विशेषता क्या है ?
Ans – महानदी प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ में होता है और इस नदी की कुल लंबाई 864 किलोमीटर है। जिसमें से 286 किलोमीटर प्रवाह क्षेत्र छत्तीसगढ़ में और 578 किलोमीटर प्रवाह क्षेत्र उड़ीसा राज्य में है। इस नदी का छत्तीसगढ़ में वही महत्व है जो नर्मदा का मध्य प्रदेश में है।
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